एक व्यक्ति इतनी कलाएँ, इतना सौंदर्य, इतनी परिकल्पनाएं, इतने प्रयोग, इतनी स्पष्टता, इतनी गहराई, इतनी ज़मीन, इतना आसमान.. अगर इन सब का संगम मैंने किसी में देखा है, तो वो मात्र एक नाम है, संजय झाला। मेरे हृदय में इनका स्पंदन सदैव रहता है। मुझे पूरा विश्वास है कि ये आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बने रहेंगे। विभिन्न कलाओं के अद्भुत संगम संजय झाला को सदैव मेरा आशीर्वाद।- संतोष आनंद
Santosh Anand